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Author: Farhat Khan Language: hi Genres: Religion & Spirituality, Spirituality Contact email: Get it Feed URL: Get it iTunes ID: Get it Trailer: |
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आँगन का वो पेड़ पुराना, "Aangan ka wo ped purana"
Saturday, 11 July, 2020
बचपन की, हर याद में, शायद वो मेरा साझी है, मुझे बनाकर, ओझल होता, वो मेरा माज़ी है | टहनियों में जिसकी झूल कर खेला करता था दोपहर की धूप में थक कर जहाँ सोया करता था || दिल को चोट लगती थी तो उसीसे बात करता था, ख़ामोशी से सब सुनता था, जब कभी मैं रोया करता था | दूर आ गया हूँ बहुत, पर सब याद रहता है, वैसे हर घर में एक खूबसूरत पुराना पेड़ रहता है || वक़्त की, सर्द और गर्म हवाओं, ज़िम्मेदारियों में अब ग़ुम सा रहता है माँगता कभी कुछ नहीं बस जिसे जो चाहिए, वो दिआ करता है | आँगन का वो पेड़ पुराना, घर जाऊँ तो जैसे झूमने लगता है, कहता कुछ नहीं, खुश तो है, अंदर ही अंदर, मगर चुप रहता है || आँगन का वो पेड़ पुराना अब चुप रहता है








